
आज हम What is happening in Jupiter big red spot के बारे में जानकारी देंगे। बृहस्पति ग्रह के नए तथ्य के साथ-साथ अन्य कई रोचक विज्ञान तथ्य को विस्तार में हम समझाएंगे।
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सार
हाल ही में जेम्स वेब टेलीस्कोप ने जुपिटर ग्रह के कई राज खोले हैं। लेकिन एक मिनट जुपिटर के कई सारे राज, जुपिटर के बारे में हम तो लगभग हर कुछ जानते थे।
जैसे कि वह एक सबसे बड़ा ग्रह है, यह एक गैस जायंट है, जुपिटर सबसे पुराना प्लानेट है जो हमारी सूरज के साथ ही प्रपत्र हुआ था लेकिन सच तो यह है कि क्या यह सच भी है?
क्या आपको पता है की जुपिटर के पास भी सैटर्न कि जैसे रिंग है, जुपिटर में भी औरोरास फॉर्म होते हैं? क्या आपको यह पता था कि उसके चंद्रमा के पास भी एक मैग्नेटिक फील्ड है?
क्या आपको पता है की जेम्स वेब टेलीस्कोप ने Jupiter big red spot के बारे में दिलचस्प जानकारी इकट्ठा की है?
और आखिर में सूरज से इतना दूर होने के बावजूद उसका कोड सूरज के बाद दूसरा सबसे ज्यादा गर्म कोड हमारे सौर मंडल में है? इसलिए जैसा कि सभी कहते हैं जुपिटर एक असफल सितारा था।
ठीक है तो हम यह कह सकते हैं कि हमें यह भी नहीं पता था की हमें जुपिटर के बारे में क्या नहीं पता था और इन्हीं सारी चीजों से जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने हमें ज्ञात कराया है।
बृहस्पति ग्रह के बारे में नए तथ्य 2022
तो चलिए शुरू करते हैं हमारी बृहस्पति ग्रह के बारे में नए तथ्य से।
- बृहस्पति ग्रह ( Jupiter ) की कहानी शुरू होती है आज से 4.5 बिलियन साल पहले जब सूरज बस पैदा ही हुआ था।
- लेकिन हमारे सोलर सिस्टम के सबसे पुराने प्लेनेट के बारे में हमें कई हजार सालों से पता होने के बावजूद भी यह तक जानते थे कि इसका कोर् कैसा है? एक ठोस सॉलिड या किसी तपते लावा सा कोई लिक्विड और यही जानने के लिए नासा ने एक्सक्लूसिव प्रोब जूनो 5 अगस्त, 2011 को जुपिटर ग्रह को अध्ययन के लिए उस पर भेजा।
- आज जूनो को भेजे हुए पूरे 10 साल हो गए हैं और बृहस्पति ग्रह आज की तारीख में भी काफी कुशलता से अपनी रहस्य छिपा के बैठा है और नतीजा जूनो की मदद के लिए नासा को अपने और भी कई टेलिस्कोप को जुपिटर की और मोड़ना पड़ा जैसे हबल स्पेस टेलीस्कोप, जैमिनी अर्थ ऑब्जर्वेटरी और अब का नया जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप।
- सबसे पहले जूनो और हबल ने अपने यूवी और विजिबल लाइट डिटेक्टर्स की मदद से सिर्फ जुपिटर ( बृहस्पति ग्रह ) के सरफेस को ही स्टडी किया। क्योंकि उसके अंदर एटमॉस्फेयर को स्टडी करने के लिए जो पृथ्वी आधारित जैमिनी ऑब्जर्वेटरी थी उसके पास हाई पेनिट्रेशन वाले इंफ्रारेड डिटेक्टर्स होने के बावजूद भी वह पृथ्वी के एटमॉस्फेयर की वजह से सिर्फ कुछ ही अंदर तक जुपिटर को स्टडी कर पाते थे।
- पर अब जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से इसी इंफ्रारेड टेक्नोलॉजी के साथ ऊपर अंतरिक्ष से जुपिटर पर नजर रख रहा है।
- अब ऐसे में क्या लगता है आपको जुपिटर के बीच में मौजूद गैसेस प्रेशराइज्ड ओके लिक्विड बन जाते हैं? या वहां एक सॉलिड कोर मौजूद है? तो इसीलिए हमारे साइंटिस्टओ ने जुपिटर को और भी स्टडी करना जरूरी समझा ताकि इसके कोर की थर्मोडायनेमिक्स को हम आसानी से समझ पाए।
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What is happening in Jupiter big red spot?
हाल ही में साइंटिस्टओ ने पाया की जुपिटर में दी ग्रेट रेड स्पॉट (Jupiter big red spot) सिकुड़ रहा है यानी कि जुपिटर में कुछ तो ऐसा हो रहा है जिसके वजह से यह तूफान थम रहा है। जिसकी ज्ञान से हम अपने पृथ्वी में होने वाले तूफान को रोकने में मदद कर सकता है।
जुपिटर में अरोड़ास मौजूद है जो चमकते रहते हैं असल में बहुत ही ताकतवर अरोड़ास लगातार बनते रहते हैं जिससे 100 terawatts तक की बिजली पैदा की जा सकती है।
राय
शुक्र है जेम्स वेब टेलीस्कोप की जिसने हमें कुछ ही महीनों मैं जुपिटर जैसे प्लेनेट के बारे में हमें ऐसी नए जानकारी मिल रही है और यह – Jupiter big red spot दिलचस्प और अन्वेषण करने में मजेदार है। और कैसी लगी यह जानकारी आपको? लिखिए अपना जवाब नीचे कमेंट सेक्शन में।